लेखनी प्रतियोगिता - परवाह

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परवाह सब कुछ संवर जाता है, जब हमारी परवाह वो ईश्वर करता है, हर पल,  वो हमारी तकलीफों पर नज़र रखता है,, जब गिरने लगते हैं, वो हाथ थामने आ जाता ...

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